मैं भुली घरजानी बाट । गोरस बेचन आयें हाट ॥१॥
कान्हा रे मनमोहन लाल । सब ही बिसरूं देखें गोपाल ॥ध्रु.॥
काहां पग डारूं देख आनेरा । देखें तों सब वोहिन घेरा ॥२॥
हुं तों थकित भैर तुका । भागा रे सब मनका धोका ॥३॥